काश कोई अपना होता
काश कोई अपना होता जिसको सिर्फ एक बार बोलू कि मै दुःखी हूँ वो जट से आके मेरे आंशू पोंछ लेता !
पर लोग आते है जिंदगी मे हर तरह के उसमे से होजाता है कोई एक अपना
पर दर असल मे वो भी अपना बन कर पराया होजाता है , ज़ब उस से कोई आश रखे तो वो कह देता है कि मै नी कर सकता !
क्यूंकि वो अपना कभी था हि नहीं उसे तो सिर्फ अपना टाइम निकालना था किसी ना किसी तरीके से , काश कोई अपना सच मे होता तो जिंदगी हि बदल जाती ना होते दु:ख ना होते आँसू सब होता लाइफ मे हरा भरा !
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