सामने लाश जल रही है और मैं बैठा देख रहा हूँ....
23 साल की उम्र है मेरी और मैं अभी शमशान घाट में बैठा हूँ, मेरे सामने अभी कुछ लाशें जल रही है और उसका धुंआ मुझे छूते हुए आसमान की ओर बढ़ रहा है सामने पीपल और जामुन के पेड़ों से चिड़ियों की कोयल की आवाज मुझे शांत कर रही है समझा रही है लेकिन समझा क्या रही है ?
दरअस्ल बात यह है कि आज मैं परेशान हूँ बहुत और जब भी परेशान होता हूँ यही आ जाता हूँ, लेकिन आज की परेशानी की वजह मेरा प्यार और निजी जिंदगी है ,चलो मैं शुरू से बताता हूँ.....
जब मैं 12वी क्लास में था तब की बात है ..12वी कक्षा का फाइनल एग्जाम चलने से कुछ महीने पहले मैंने ट्यूशन शुरू की ट्यूशन में मेरे साथ और भी बच्चे पढ़ते थे शाम को में वापिस ट्यूशन से आकर फसेबूक चलाता था फ़ेसबुक पर एक लड़की (सावित्री) बदला हुआ नाम) से बात होना शुरू हुआ उसके साथ काफी अच्छी दोस्ती हो गयी और दोस्ती कब मोहब्बत में बदल गयी पता नही चला फिर हल्का हल्का हमारा मोहबत आगे बढ़ रहा था तभी कुछ ऐसी बात हुई कि सावित्री ने बिना मुझे कुछ बताए मुझे छोड़ के चली गयी कुछ महीने बीत गए फिर मुझे ऐसा लगा जैसे वापिस नही आएगी अब वह, और मैंने अपने जिंदगी को आगे बढ़ाया और फिर एक लड़की (निशा) बदला हुआ नाम)से बात होना शूरा हुआ उसको तरफ मेरा आकर्षण हुआ तो मैंने भी एक बार उसे प्रोपोज़ कर ही डाला, मगर क्या बात थी निशा ने मुझे अपनाने से इनकार कर दिया और करीब एक साल बीत गए मैं उसे बोलता रहा मगर निशा बात बढ़ाने को तैयार नही थी।। फिर अचानक से एक दिन ऐसा हुआ कि सावित्री ने मुझे खुद ही मेसज किया और बोला कि किस वजह से वह मुझे छोड़ गई थी, काफी देर उसकी बात सुनी मैंने और फिर क्या करता प्यार तो करता ही था उस से पहले भी मैं, तो उसको मैंने फिर से मौका दिया और अपनी जिंदगी में वापिस ले आया , अब बात यू हुई कि निशा ने मुझे इनकार कर दिया था जिस वजह से मैने सावित्री को फिर से अपना लिया मगर कुछ महीनों के बाद निशा मेरी ओर खुद से आने लगी और मुझे बोलने लगी की में अब तुम्हें अपने जिंदगी में लेकर आ सकती हूं।। अब मैं उस मझदार पर था जहाँ अगर में उसे बोलता की मेरी जिंदगी में पहले से एक लड़की है तो निशा को लगता कि मैं पहले उस से मजाक कर रहा था फिर मैंने निशा को भी एक नकारा सा हाँ बोल दिया।
अभी ऐसा था कि मोहबत तो सावित्री से थी मगर निशा से भी मेरी बातचीत थी फिर ऐसे ही समय बीतता गया और इसके दौरान में सावित्री के बेहद नज़दीक आ चुका था और उस से मैने शादी का पूरा मन बना लिया वह भी मुझसे शादी की बात करती रही लेकीन कुछ समय पहले उसने यह साफ कह दिया कि मेरे घरवाले नही मंजूर करँगे हमारी शादी और में उन्हें छोड़ नही सकती इस लिए हम मिला करँगे प्यार भी करँगे मगर शादी किसी ओर से करूंगी मैं, यह सब सुनने के बाद कैसा लगेग आपको मुझे नही मालूम मगर मैं इसको समझ नही पा रहा था कि मैंने अपनी जिदंगी के कुछ साल ऐसे ही कही खत्म तो नही कर दी ? क्योंकि मैंने तो एक भविष्य देख कर उसका हाथ पकड़ा था न।। इसमे सावित्री की कोई ग़लती नही क्योंकि उसका परिवार इस बात को मंजूरी नही देता, मगर इसमे मेरा भी तो कोई कसूर नही,फिर किसी तरह से दिल को समझा कर मैंने आगे बढ़ा की जो हुआ सो हुआ सावित्री आज बात कर रही है कल उसकी शादी होगी और अपने नए घर मे वयस्त हो जएगी मगर मेरा क्या ? तो इसी दौरान एक लड़की से मेरी मुलाकात हुई और हमारे बीच मे कुछ दिन बाते हुईं और एकाएक क्या हुआ कि हम दोनों का आकर्षण और जुड़ाव एक दूसरे के प्रति हो गया जैसे हम कही बिछड़ गए थे और आज मिल गए हो 3 दिनों में ही हमारी काफी अच्छी अंडरस्टैंडिंग बन गयी और फिर मैंने सोचा लिया कि इस लड़की के साथ आगे बढ़ जयंगे हम और इस बात से सावित्री को भी कोई परेशानी नही थी। और अगले ही दिन यह लड़की भी मुझे कहती कि हम अभी जो हो रहा है होने देते है लेकिन शादी शायद ही हो हमारी इस लिए जब तक मिल सकते है मिलते है और खूब सारा प्यार करते है।। मगर दोस्तो आप ही बताओ कि भला मैं इतने सालों तक उसके साथ रहू यह जानते हुए भी की बाद में इसने चले ही जाना है ,
तो इन सब मे उन लड़कियों का भी कसूर नही था मगर मेरा भी तो नही है ना , मैं तो चाहता हूं कि किसी एक लड़की के साथ ही जिउ और मरु भी,
मगर आज यहां शमशान घाट में इस लिए बैठा हूँ कि मुझे जो चाहिए मिला नही मेने कोई प्यार में कमी छोड़ी नही वेबफाई किसी से की नही और अभी जो लड़की कुछ दिन हुए है मिले उसके साथ ही जीवन को आगे बढ़ाना चाहता हूं मैं बेशक शादी ना हो हमारी मगर उसके साथ अपने आखिरी वक्त तक रहना चाहता हूं मैं, मगर बीते रात से न जाने क्यों वह मुझसे अच्छे से बात नही कर रही न जाने क्या सोच रही होगी । और मैं यहां यह सोच रहा हूँ.....
कोयल ने फिर से आवाज लगाई है मुझे और हल्की हल्की बारिश शुरू हो गयी है यहां पर मैं चलता हूँ नही तो अंदर तो ऑंसूयो से भीगा ही हुआ हूँ कही बाहर भी ना भीग जाऊ.....
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