जो होता है अच्छे के लिए होता है...
जो होता है अच्छे के लिए होता है...परसो रात तेज आंधी चल रही थी और उसी रात में करीब 12 सिरियों से नीचे गिर गया हालांकि मुझे ज्यादा चोट नही आई लेकिन गिरने की वजह से में जहा पर जिस काम से जा रहा था वहा जाने से लेट हो गया ..और जब मैं वहा पहुँचा तो देखा कि जिस पार्क में मैं आ कर बैठने वाले था जिस काम से जिस जगह पर वहा पर आंधी के कारण बड़ा सा एक पेड़ गिरा हुआ था जो मेरे आने से कुछ देर पहले ही गिरा था...
जब मैं सिरियों से गिरा था तब मैं परमात्मा से थोड़ा नाराज हो गया था क्योंकि मैं वहां पार्क में एक बिल्ली को खाना देने जा रहा था और अच्छे काम करने जाने के लिए भी दर्द उठाना पड़े...?
परंतु यह सारी बाते मुझे अब समझ आ गयी थी कि थोड़ा सा दर्द दे कर परमात्मा ने मेरे साथ कुछ बड़ा होने से बचा लिया था...
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