आलस इंसान को कमजोर बना देती है।

रात यह सोच के जल्दी सोया की सुबह जल्दी उठ के ज्यादा काम करूंगा पूरे दिन ओर काम से कम 800 रुपए जरूर कमाऊंगा । सुबह उठा तो उसी विश्वाश से मगर इंसान की फितरत  है आलस करना जिस वजह से लेट हो गया। फिर भी जैसे तैसे मन बना कर दोपहर चिलचिलाती गर्मी में निकल पड़ा ।मुझे तो बस पैसे की चमक दिख रही थी तो सूरज की यह तेज रोशनी कहा दिखती।
















 



















कुछ समय तक धूप में घूमता रहा धूल मिटी तो ऐसे लिपट रहे थे मानो बरसो बाद मूझसे मिले हो। समान डिलवरी का काम करता हूँ जब कोई डिलवरी के लिए बुलाता है तो जाता हूँ और डिलवरी कर देने पर पैसे मिलते है । लेकिन आज का दिन मानो मेरे लिए नही था बहुत समय धूप में बिताने पर भी कोई डिलवरी नही आई ।। आखिर जब धूप का एहसास हुआ तो घर की छत याद आयी और वापिस छत के नीचे आ गया।
















join with facebook

Comments